02 अक्टूबर, 2020, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती और स्वच्छ जीवनशैली और सतत विकास के लिए चिरस्थायी प्रेरणा का प्रतीक है। इस घटना को मनाने के लिए, यह वेबिनार डीबीटी एंड बीआईआरएसी के समर्थन से सफलतापूर्वक प्रदर्शित होने वाली कुछ तकनीकों का प्रदर्शन करेगा, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत की दृष्टि में योगदान करना है। इनमें बायोमैथेनेशन, एल्गल रिमेडिएशन और अन्य अपशिष्ट जल उपचार तकनीक शामिल हैं। वेबिनार का आयोजन संयुक्त रूप से DBT और DBT / वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस द्वारा किया जा रहा है। वक्ताओं बेकार से मूल्य बनाने में इन प्रौद्योगिकियों और उनकी भूमिका पर चर्चा करेंगे।
कार्यसूची:
4:00 - 4:30 PM 5 परियोजनाओं का शुभारंभ
4:30 - 5:30 PM वेबिनार
शुरूवाती टिप्पणियां:
डॉ. रेणु स्वरूप, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार
मध्यस्थ:
डॉ. संगीता कस्तूरे, वैज्ञानिक एफ, जैव प्रौद्योगिकी विभाग
डॉ. सरमा पकाला, जीएम और प्रमुख - तकनीकी, BIRAC
वक्ता:
डॉ. गंगागनी राव अनुपोजू, सीएसआईआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
डॉ. श्रीकांत मुन्नुरी, बिट्स-पिलानी, गोवा कैंपस, मोरमुगाओ
टी. टी. श्रीकृष्णन, आईआईटी दिल्ली के प्रो
डॉ. शॉन रे चौधरी, वेल्थ टू वेल्थ इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज एलएलपी
डॉ. संजीव संधान, Openwater.in
श्रीमती स्वाति रानाडे, VIVIRA प्रोसेस टेक्नोलॉजीज प्रा. लिमिटेड
डॉ. वनिता प्रसाद, आरईवाईवाई एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस प्रा. लिमिटेड
डॉ. माधुरी नर्रा, सरदार पटेल अक्षय ऊर्जा अनुसंधान संस्थान, वल्लभ विद्यानगर, गुजरात
डॉ. कबीर उपदेशी, फ्लाईकैचर टेक्नोलॉजीज
सुश्री स्वाति अग्रवाल, जीपीएस नवीकरण
कमांडर. तरुण सक्सेना (सेवानिवृत्त), डीएसएमआई इंडिया एलएलपी